में नो हों महराज: नारायण लाल परमार
एक ले एक हे हुसियार ,में नो हों महराज। करे सब करिया कारोबार, मे नो हो महराज॥ कनवा ला कनवा कहइया होहीं कोन्हो दूसर, गउ के किरिया हे हवलदार, मे नो हों महराज ॥ सब के बांटा ला अपन मान के जे खावत हें,...
View Articleमहाकवि कपिलनाथ कश्यप के ‘रामकथा’के कुछ अंस
कैकेयी वरदान भरतलाल के गादी सुन दुख होथे तुंहला, मांग-मांग कहके फोकट गंधवाया मोला। रोवा झिन अब कहिस कैकयी खुबिच रिसाके, अइसन लगथे लाये, मोल बिसाके ॥1॥ तपसी मन अस भेख बनाके, बन नहीं जाही राम बिहनिया।...
View Articleपंचलाईट
ख्मंच मा परकास, मुनरी अंगना ला बाहरत हावय अउ घरि घरि बाहिर कोति झांकत हावय, बाहिर लंग गोधन गाना गात हावय, कुछु देर पीछू मुनरी भीतरिया जाथे। , गोधनः- सोना देवें सुनार ला, वो पायल बना दीस। दिल देवें...
View Articleबाल साहित्य के पीरा
आजकल बाल साहित्य देखे म नई आवय। दूकान बाजार म लइका मन ल बने पुस्तक भेंट देना हे, सोच के कहूं पुस्तक मांगेस तव दूकान वाला सोच म पर जथे। कहिनी पुस्तक तो अब है नहीं। जेन हावय तेन दिल्ली प्रकासन के कुछ...
View Articleनाटक अऊ डॉ. खूबचंद बघेल
आज जरूरत हे अइसना साहित्यकार के जेन ह छत्तीसगढ़ के धार्मिक राजनैतिक अऊ सामाजिक परिवेस के दरसन अपन लेखन के माध्यम ले करा सकय। बिना ये कहे के मैं ह पहिली नाटककार आवं के कवि आंव। आज के कुछ लेखक मन ये सोच...
View Articleभाईचारा अउ शांति के संदेश देथे ईद-उल-फितर
रोजा रखना फाका रखना नो हे, बल्कि येमा अल्लाह के अराधना, लोगन ले सद् बेवहार करना अउ गुनाह ले बचे के भाव हे। येमा अहसास हे कि गरीब मनखे मन कोन तरह ले भूख-पियास म सही के जिनगी बिताथे। ये भाव हर मनखे ल...
View Articleरमिया केतकी के कथा –सत्यभामा आड़िल
एक रहिस रमिया। एक रहिस केतकी। दूनों एके महतारी के बेटी रिहीन। खारुन नदिया ले चार कोस दूरिहा रक्सहूं बूड़ती मं एक गांव ‘कसही’। भइगे दूनों उहीं रहत रहींन अपन महतारी संग। महतारी ह खाली हाथ रहीस। खेतखार...
View Articleलइका मन मं पढ़इ लिखइ के सउख कइसे बाढ़य?
बहिनी मन, ए तो तुमन जानत होहु कि लइका मन हमर देस के भविष्य ल संवारथे। लइका मन के सउख ल देख के हमन ओखर भविष्य के नकसा बना लेथन। आजकल हमन देखथन कि हमर लइकामन के मन ह पढ़ई लिखई में जादा नइ लागय। का कारन...
View Articleपुतरी के बिहाव –सुधा वर्मा
रमा आज बहुत खुस हावय। आज अकती हे, आज ओखर पुतरी के बिहाव हावय। रमा के संगवारी अनु घलो खुस हावय, काबर के रमा के पुतरी ओखर घर आही। दूनों संगवारी समधिन बनहीं। दू दिन पहिली ले तइयारी चलत हावय। रमा अउ अनु...
View Articleअब नइ गिरय आँसू के बूँद, बोहावत हे इहां पानी के धार
नल जल योजना ले जल संकट वाले गांव मन म दूर होए लगे हे पेयजल के समस्या कोरबा, 26 जुलाई 2024। कोरबा जिला के कोरबा विकासखण्ड के अंतर्गत पहाड़ ले घिरे विमलता गाँव हे। भले ए गांव म रहइया परिवार के संख्या बहुत...
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